Monday, November 3, 2014

एक प्रेम कहानी

दूध की बोतलों और राशन की कतारों में खोयी सी एक प्रेम कहानी
कुछ सिक्कों की खोज में गुम एक और प्रेम कहानी
थकी रातों की मसरूफ सुबहों का इंतज़ार करती प्रेम कहानी
सुनहरे कल को खोजती, परदेस में भटकती प्रेम कहानी
गुमसुम, उदास : पर जाने क्यों ना रोती प्रेम कहानी
फिर भी उम्मीद है कि ढूंढ लेगी अपनी मंज़िल अपनी प्रेम कहानी
क्योंकि है साथ जब तक मुर्शिद, रंगीन है यह अपनी प्रेम कहानी

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