Thursday, January 8, 2015

मुर्शिद संग रह जाएगा

(Dedicated to H. H. Sri Sri Ravi Shankar)

बस मुर्शिद ही इक डोर है,
नहीं दूसरा कहीं कोई और है,
हर रंग और इक दिन उड़ जाएगा,
बस मुर्शिद संग रह जाएगा

हर रिश्ता सितारों का खेल है,
हर बंधन कुछ लम्हों का मेल है,
इक बस इश्क ही संग तेरे जाएगा
बस मुर्शिद संग रह जाएगा

खेल ज़िन्दगी का खेले 'सवीन',
ख़ुशी, गम सब पाए रंगीन,
इश्क-इश्क करता वो जाएगा,
बस मुर्शिद संग रह जाएगा...

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