Friday, July 27, 2007

याद कर लिया तुमने...

ज़रूरत से यादों का सफ़र यूँ तो है छोटा,
पर शुरू होने में देर लग जाती है अक्सर...
तो करो इंतज़ार ज़हर उतरने का रगों में,
इंतज़ार लम्बा है और दर्द भी उतना होगा,
महसूस कर पाओगे सिर्फ तुम मगर,
इंतकाम मेरा बहुत मीठा होगा।
दर्द से दर्द नहीं मिटता, मुस्कुराना भी ज़रूरी है,
इंतज़ार लम्बा सही मगर फासला छोटा होगा,
याद जब कर ही लिया तुमने ,
क्यों सोचते हो अंजाम क्या होगा...

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