वह पल थे जिन में हसरतें थीं,
मोहब्बत थी, जुनून था
वह पल थे जब इक नाम में दुनिया सिमट जाती थी,
जब मन्नतों में सिर्फ एक सूरत नज़र आती थी
वह पल थे जिन में हम ने इबादत सीखी,
चाहत सीखी, मोहब्बत सीखी
वह पल थे जब आँखों में नूर था,
दिल में मासूमियत थी, दीवानगी का सरूर था
उन पलों में बेचैन रह कर आँसू भी बहाये,
ज़र्रे-ज़र्रे में ढूँढा उसे, न किसी के करीब आये
वह पल कभी नहीं आएंगे वापिस,
वह पल कभी नहीं आएंगे
इस कसक को याद करेंगे हम भी कभी-कभी,
वह पल जब याद आएँगे
मोहब्बत थी, जुनून था
वह पल थे जब इक नाम में दुनिया सिमट जाती थी,
जब मन्नतों में सिर्फ एक सूरत नज़र आती थी
वह पल थे जिन में हम ने इबादत सीखी,
चाहत सीखी, मोहब्बत सीखी
वह पल थे जब आँखों में नूर था,
दिल में मासूमियत थी, दीवानगी का सरूर था
उन पलों में बेचैन रह कर आँसू भी बहाये,
ज़र्रे-ज़र्रे में ढूँढा उसे, न किसी के करीब आये
वह पल कभी नहीं आएंगे वापिस,
वह पल कभी नहीं आएंगे
इस कसक को याद करेंगे हम भी कभी-कभी,
वह पल जब याद आएँगे
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